बिहार सरकार ने 15 अक्टूबर से तमाम तरह की गतिविधियों की सशर्त अनुमति दे दी है। पांच दिन बाद राज्य में सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, धार्मिक, खेल समेत अन्य गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। सरकार ने इन गतिविधियों के लिए शर्तें तय करते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है।

इन गतिविधियों पर कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के समय से रोक थी। याद रहे कि केन्द्र सरकार ने 30 सितम्बर को अनलॉक-5 में इन गतिविधियों से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया जारी की थी, जिसमें राज्य सरकारों को निर्णय लेने की जिम्मेदारी दी गई थी।

गृह विभाग के आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर से राज्य में होने वाले किसी भी कार्यक्रम का आयोजन बंद स्थलों के साथ खुले मैदान में भी हो सकता है। बंद स्थलों में अधिकतम 200 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। हॉल की क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत तक उपस्थिति की अनुमति रहेगी। हॉल में एसी का तापमान 24-30 डिग्री के बीच रखना होगा। आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि आगंतुकों द्वारा छोड़ा गया फेस मास्क, दस्ताना आदि वहां पड़ा न रहे। उसका समुचित तरीके से निपटारा करवाना होगा।

▪️दशहरा में न लगेंगे मेले, न बंटेगा प्रसाद

कोरोना संकट व बिहार विधानसभा चुनाव के बीच इस दफे दुर्गापूजा और दशहरा की रौनक फीकी रहेगी। दुर्गापूजा का आयोजन सिर्फ मंदिर और घर में ही होगा। न मेले लगेंगे और न सामूहिक रूप से प्रसाद बांटे जा सकेंगे। यही नहीं लाउडस्पीकर बजाने की भी अनुमति नहीं होगी। रामलीला का आयोजन भी नहीं होगा। सार्वजनिक स्थानों पर रावण दहन की भी अनुमति नहीं दी गई है।

आयोजन को लेकर विशिष्ट दिशा-निर्देश को मानना होगा
गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी कार्यक्रम या आयोजन के संबंध में विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं तो उस गाइडलाइन की मान्यता इस मानक संचालन प्रक्रिया से ऊपर होगी। यानी उस विशिष्ट दिशा-निर्देश को मानना होगा।

दिशा-निर्देश :

धार्मिक और खेल गतिविधियां भी शुरू होंगी, राज्य सरकार ने जारी की एसओपी

खुले में सभा स्थल की क्षमता को देखते हुए जिला प्रशासन तय करेगा लोगों की संख्या

सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए धारा 144 का आदेश जारी करेंगे मजिस्ट्रेट

सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद ही आयोजित किया जा सकता है कार्यक्रम