टीकाकरण के बाद भी मास्क लगायें, नहीं करें इसे नजरअंदाज
करें कोविड अनुरूप व्यवहार का सही तरह से पालन
वैश्विक महामारी कोविड 19 से बचाव के लिए जिले के प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर चौथा चरण शुरू हो चुका है। टीकाकरण जरूरी है और सुरक्षित भी, लेकिन टीकाकृत होने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार विशेष तौर पर मास्क के इस्तेमाल को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हालिया जारी एक रिपोर्ट ‘फेस मास्क-एैन एसेंसियल आर्मर इन फाइट ऑफ इंडिया अंगेस्ट कोविड 19’ में मास्क का इस्तेमाल पर बल दिया है । रिपोर्ट में बताया गया है – कोविड 19 के आने के बाद फेस मास्क का महत्व एक बार फिर से बढ़ गया है और यह कई अन्य श्वसन संबंधी संक्रमण से बचाव करता है| खांसने, बोलने, छींकने या ऐसा कोई कार्य जिससे नाक व मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदें व्यक्ति तक पहुंच सकती हों, इसे रोकने के लिए मास्क बेहद जरूरी है।
मास्क इस्तेमाल से कई रोग से बचाव :
सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने मास्क की आवश्यकता के बारे में रिपोर्ट का समर्थन करते हुये बताया मास्क लगाने को लेकर बड़ी संख्या में लोगों में झिझक महसूस होती है। हालांकि यह वायुजनित तथा श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले सार्स व कोविड 19 जैसे रोगों से सुरक्षा का पहला कदम है। इसलिए मास्क लगाना , सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोने जैसे कोविड अनुरूप व्यवहार अपनी सुरक्षा के नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण कदम हैं।
टीकाकरण के लिए सामूहिक भागीदारी की अपील:
डॉ. झा ने समुदाय को टीकाकरण में अपनी पूरी भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। आगे बताया कोविड संक्रमण फिर से बढ़ रहा है । इसलिए समाज में इसके खिलाफ जागरूकता बढ़ाया जाना जरूरी है। साथ ही समुदाय के हर व्यक्ति को ये संकल्प लेना चाहिए कि वो मास्क प्रयोग में कोई लापररवाही नहीं करेंगे और अपने से संबन्धित हर इंसान को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे।
सही मास्क का व्यवहार करे रोग पर पूरा प्रहार:
फेस मास्क वायु में मौजूद संक्रमण वाले ड्रॉपलेट्स को फैलने से रोकते हैं। तीन प्रकार के मास्क में कपड़े से तैयार मास्क, मेडिकल या सर्जिकल मास्क व रेस्पिरेटर वाले मास्क एन 95 व 99 शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सूती कपड़ों से तैयार मास्क की सलाह दी है। वहीं कोविड 19 के उच्च जोखिम वाले लोगों, कोविड संक्रमित या स्वास्थ्यकम्रियों के लिए मेडिकल या रेस्पिरेटर मास्क इस्तेमाल करने के लिए कहा है। सूती व पॉलिएस्टर धागों के मेल से तैयार कपड़ों से बने तीन लेयर वाले मास्क छोटे कणों को मुंह व नाक में नहीं प्रवेश करने से रोकते हैं।
धुले हुए मास्क का इस्तेमाल करना है सुरक्षितः
कपड़ों के मास्क को इस्तेमाल करने के बाद प्रतिदिन गर्म पानी व साबुन से धो दिया जाना चाहिए। मेडिकल मास्क सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल में लाये जा सकते हैं। इस्तेमाल के बाद उसका सही से निस्तारण कर दिया जाना चाहिए। इसे दुबारा इस्तेमाल सही नहीं है।